वानी

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तुम दोनो भोपाल कभी नहीं आओगे

चैप्टर 30 तुम दोनो भोपाल कभी नहीं आओगे

अब तक आपने पढ़ा मीरा बताती है की राहुल सिद्धार्थ की बहन का बेटा है निकिता मीरा को एक छोटे से बच्चे का हाथ पकड़ाते हुए कहती है इसका और मेरे भाई का ध्यान रखना और एक बैग देती है जिसमे कुछ पेपर्स थे और बताती है की आग लगी थी


अब आगे

मीरा खुद को स्ट्रांग करती है और कहती है "मै बता दूंगी की तुम्हारी फैमिली कहाँ है लेकिन तब जब तुम मेरी बात मानोगे वर्ना भूल जाओ तुम उनसे कभी मिल पाओगे"

सिद्धार्थ कुछ कहता उससे पहले दोनो को एक आवाज़ आती है "प्लिज़ मुझे जाने दो मैंने कुछ नही किया मुझे तो ये भी नही मालूम वो है कहाँ.."

वो आवाज़ सुन दोनो शॉक हो गए जब उन्होंने अंदर झाक कर देखा तो वहाँ तनुजा थी और उसके सामने महेंद्र था और उसके हाथ मे तनुजा का दुपट्टा था..

सिद्धार्थ अंदर जाने लगता है तो मीरा कहती है "मैं भी चलती हु"

अंदर महेंद्र तनुजा से जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा था तभी सिद्धार्थ उसे पकड़ के धक्का दे देता है मीरा तनुजा के पास जाती है तनुजा मीरा के गले लगकर रोने लगती है

महेंद्र उन दोनो को घूरते हुए कहता है "आ गए" मै "जनता था दोनो की कमज़ोरी ये एक लड़की है इसलिए तो मेहनत करने से सही मैंने इसे ही उठवा लिया!

सिद्धार्थ कंफ्यूजन मे पूछता है" मतलब क्या है तेरा "

महेंद्र हस्ते हुए कहता है "ये तुझसे प्यार करती है तु इससे प्यार करता है और ये" मीरा की तरफ इशारा करते हुए "तुम तीनों को बचाने की कसम खाके निकली है" और तनुजा को मीरा के पास से खीच कर उसे पकड़ लेता है!

सिद्धार्थ गुस्से मे कहता है" तेरी हिम्मत कैसे हुई उसे हाथ लगाने की"

और रॉड उठा लेता है वो मार पाता उससे पहले ही मीरा उसे रोक देती है सिद्धार्थ गुस्से मे उसे देखता हैं तो मीरा कहती है - "इसकी जान लेने का अधिकार किसी और का है" फिर वो तीनों मिलकर उसे बाँधने लगते है तभी बाहर से कुछ गुंडो के अंदर आने की आवाज़ आती है..

मीरा झट से सिद्धार्थ का हाथ पकड़ लेती है और चिल्लाती है "भाग सिद्धार्थ"

तीनों पीछे साइड से भाग जाते है गुंडे अंदर आ कर देखते है तो महेंद्र बंधा हुआ था वो उसे खोल देते हैं..

कमीनो उन्हे पकड़ो और बच्चे का पता चला वो आदमी -"नही बॉस पता नही कहा छुपाया है उसने" महेंद्र मन मे "हो ना हो वो बच्चा मीरा के पास ही है क्योंकि उस निकिता को सिर्फ इसी पर भरोसा है!"

इधर मीरा दोनो के साथ टैक्सी मे बैठती है और एक वीडियो सिद्धार्थ को दिखाती है जो निकिता ने बनाया था क्योंकि उसे पहले से पता था तो उसने एक वीडियो रिकॉर्ड करके रखा था उस वीडियो मे निकिता थी जो कह रही थी " "सिद्धार्थ आज मै तुम्हारी ज़िम्मेदारी मीरा को सोम्प् रही हु मै कहा हु क्या हु और कैसी हु ये बताना मीरा का फैसला होगा! आज से तुम्हारे सारे फैसले वो लेगी वादा करो उसकी हर बात मानोगे वो जैसा बोलेगी वैसा करोगे तुम कहते थे ना की दी मै आपकी हर बात मानूँगा वैसे ही उसकी बात मानना, और मेरे छोटे भाई तुमहारी दीदी तुमसे बहुत प्यार करती हैं और तुम्हे बचाने के लिए कुछ भी कर सकती हैं इसलिए उसकी बात मानना चलती हु और अपना खयाल रखना"

मीरा वीडियो बंद करती है और कहती है "तुम्हारे हर सवाल का जवाब दूंगी और तुमसे उम्मीद करती हु दीदी और मेरी बात मानोगे" फिर तनुजा को देखकर "तनुजा तेरी टिकेट करवा दी है और तु अपने माँ पापा के पास चली जा.."

जल्दी ही वो लोग ऐरपोर्ट पहुँच जाते हैं मीरा दोनो को टिकेट देती है सिद्धार्थ उसे नम आँखो से देख रहा था.. मीरा उसे गले लगा लेती है और उसकी पीठ सेहलती हुई कहती है - "जब तक मै ना बुलाउ वापस मत आना" फिर उससे अलग होते हुए कहती "आज के बाद तुम दोनो भोपाल कभी नही आओगे"

और सिद्धार्थ तुम "सबसे पॉवरफुल इंसान बनना है तुम्हे इतना मज़बूत बनना है की जब वापस बुलाउ तो मुझे तुम्हे बचाना ना पड़े"

सिद्धार्थ हाँ मे गर्दन हिला देता है वो एक नज़र तनुजा को देखता है और अंदर जाने लगता है मीरा उसे रोकते हुए कहती है - "अपना मोबाइल दो सिद्धार्थ उसे अपना फोन दे देता है फिर वो तनुजा से भी उसका फोन ले लेती है और दोनो फोन तोड़ देती है!

और कहती है - "तुम दोनो किसी से कांटैक्ट् नही करोगे और दोनो को एक पेपर देती है ये मेरा नंबर है " सिद्धार्थ तुम इंडिया मे मेरे अलावा किसी से बात नही करोगे थोड़ा रुक कर शौर्य से भी नही "

और तनुजा तुम भी यहाँ किसी से बात नही करोगी..... सिद्धार्थ कहता है " मीरा हमसे सब कुछ छीन कर तुम्हे क्या मिलेगा क्यों कर रही हो ये सब "

मीरा खामोश रहती है सिद्धार्थ फिर कहता है " वो वो तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है उससे तो मिल लो "

मीरा उन दोनो को एक नज़र देखकर कहती है " मीरा मर चुकी है मै श्रेया हु "

" जाओ यहाँ से " वो दोनो चले जाते हैं उनके जाने के बाद मीरा छुपते छुपाते मंडी आती है..

महेंद्र के आदमी पागल कुत्ते की तरह उन तीनों को ढूंढ रहे थे..

मीरा मंडी मे आकर उस औरत को शुक्रिया कहती है और राहुल को ले जाने लगती है तो वो औरत कहती है " बरसो का तजुर्बा है ये तेरी पैदाइश तो नही है.."

मीरा एक नज़र राहुल को देखती है फिर कहती है - "पैदाइश मेरी नही है.. फिर भी मेरा बेटा ही केहलायेगा.. मानती हु खून मेरा नही है.. लेकिन अमानत किसी अपने की तो है.."

फिर वो राहुल को लेकर निकल जाती है राहुल सो रहा था.. वो एक होटल जाती है जहाँ शौर्य उसका इंतज़ार कर रहा था मीरा उसे देखती है फिर अपनी गोद मे उस बच्चे को देखती है..

"आज ममता और मोहब्बत मे से किसी एक को चुनती हु..

जा आज ममता के लिए मै तेरी मोहब्बत को खतम करती हूँ

तु दिल मे था है और हमेशा रहेगा मै तेरी मोहब्बत को आज यही दफन करती हूं.."

वो वहाँ से निकल जाती है और टैक्सी लेकर स्टेशन की तरफ बढ़ जाती है कुछ दूर जाती है तभी कुछ गाडियां उसका रास्ता रोक लेती हैं मीरा बुरी तरह डर जाती है..

आगे की कहानी जानने के लिए बने रहिए मेरे साथ मिलते है अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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